Pages

Tuesday, 18 July 2023

Stress Management

 

I will conquer my stress

I will not let it conquer me,

I will win the day

Stress will not win over me

Stress is not what happens to us. It's our response to what happens. And response is something we can choose. Stress management is an important tool for students in order to stay healthy, productive and motivated. It can be overwhelming to balance the demands of school, work, and social life. However, there are a few key stress management tips that students can use to help them stay on top of their lives. First, it is important to learn how to effectively prioritize tasks and manage time. Setting achievable goals can also help reduce stress levels. Additionally, students should exercise regularly to reduce stress levels and get into a healthier routine. Finally, it is key to take some time for yourself each day, even if it is just a few minutes for some quiet reflection or a few minutes of meditation. With these tips, students can better manage stress and lead healthier and more productive lives.

  " कोशिश कर हल निकलेगा,आज नहीं तो कल निकलेगा। "

अर्जुन सा लक्ष्य रख निशाना लगा, मरुस्थल से भी जल निकलेगा।

मेहनत कर पौधों को पानी दे, बंजर में भी फल निकलेगा।

कोशिश कर हल निकलेगा।

कोशिश कर हल निकलेगा।

Monday, 10 July 2023

Indian Cinema  

सिनेमा जनसंचार मनोरंजन का एक लोकप्रिय माध्यम है। जिस तरह साहित्य समाज का दर्पण होता है उसी तरह सिनेमा भी समाज को प्रतिबिम्बित करता है। दृश्य श्रव्य माध्यम होने के कारण यह लोगों का ध्यान आकर्षित करता है। सिनेमा मैं कथा होने के कारण यह और अधिक दिलचस्प हो जाता है और दर्शक कहानी का हिस्सा बन जाते हैं। सामाजिक बुराइयों को दूर करने में सिनेमा सक्षम है। दहेज प्रथा, शिक्षा में सुधार, विशेष जरूरतों के बच्चों की शिक्षा, किसी शारीरिक चुनौती का साहस और दृढ़ निश्चय से सामना करना, ग्रामीण भारत में शिक्षा के मुद्दे को उठाना, चिकित्सा संगठनों के भीतर की राजनीति, भारतीय शिक्षा प्रणाली की खामियों को बताना, धार्मिक मान्यताओं का फायदा उठाने वालों के बारे में बताना, ऐसी फिल्मों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। 

आज भारत में बनाई जाने वाली स्वस्थ व साफ-सुथरी फिल्में सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में भी कारगर सिद्ध हो रही है। 

बदलाव करना बहुत अच्छा है लेकिन अपनी परंपरा और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। फिल्मों में सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव दोनों ही होते हैं और हमें सकारात्मकता को ही अपनाना चाहिए। 


विवेकानंद ने कहा था- 

"संसार की प्रत्येक चीज अच्छी है, पवित्र है और सुंदर है। यदि आपको कुछ बुरा दिखाई देता है तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वह चीज बुरी है। इसका अर्थ यह है कि आपने उसे सही रोशनी में नहीं देखा।" 


अंधकार है वहां जहां आदित्य नहीं,

 मुर्दा है वह देश जहां साहित्य नहीं। 


साहित्य समाज का दर्पण है 

साहित्य सिनेमा को अर्पण है। 


सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक सभी मुद्दे उठाता है,

 सिनेमा ही हम सब को जागरूक बनाता है। 


मनोरंजन करता है ज्ञान भी बढ़ाता है,

 एकता अखंडता का संदेश बताता है। 


जनमानस के मन को सिनेमा खूब भाता है, छोटो से बड़ों तक अमिट छाप छोड़ जाता है। गीत संगीत नृत्य पोशाक से रूबरू कराता है, सिनेमा के द्वारा समाज में बदलाव आता है।